धूप में तपिश न हो
धूप जैसी
सूरज दिन काट रहा हो
अनमना होकर
बादलों के आवारा छोकरे
आवारगी से थक कर
सोच रहे हों
संजीदा हो जाने के बारे में
मद्धम मद्धम बहती हवा
चल रही हो ऐसे
जैसे थकी हुई चेरी
बेमन से पूरा करे
हुक्म मालकिन का
ऐसे बेढब से दिन में
जब न नींद आती है
न तुम्हारी याद आती है
जिंदगी लगती है
बेवजह लदा हुआ बोझ
और धड़कता हुआ दिल
लगता है ऐसे
जैसे
ख़त्म हो चुके मेले में
घूम रहा हो कोई
खाली झूला
धक्-धक्
धक्-धक्
धक्-धक्