Home » अशोक जमनानी » कविता » ASHOK JAMNANI » मेहँदी मेहँदी मेहँदी तुम अपने हाथों में मेहँदी मत लगाना मैं चाहता हूँ जिस वक़्त थामूं मैं हाथ तुम्हारा उस वक़्त कुछ भी न हो तुम्हारे और मेरे हाथों के दरमियां ..... - अशोक जमनानी Share: Facebook Twitter Google+ StumbleUpon Digg Delicious LinkedIn Reddit Technorati