नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
आंसुओं से
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
मौन से
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
दर्द से
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
आवाज़ से
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
मातम से
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
विचार से
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
सत्य से
इसीलिए
नपुंसक सरकारें
नज़र आतीं हैं
साथ खड़ी हुई
नपुंसकता के .............
- अशोक जमनानी
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
आवाज़ से
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
मातम से
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
विचार से
नपुंसक सरकारें डरतीं हैं
सत्य से
इसीलिए
नपुंसक सरकारें
नज़र आतीं हैं
साथ खड़ी हुई
नपुंसकता के .............
- अशोक जमनानी