Home » अशोक जमनानी » कविता » ASHOK JAMNANI » सियासत सियासत सियासत इश्क़ से भी ज्यादा मुश्किल है सियासत ये ज़हर बेचना है शहद की शीशीयों में - अशोक जमनानी Share: Facebook Twitter Google+ StumbleUpon Digg Delicious LinkedIn Reddit Technorati