माँ दही जमाती है उन दिनों में भी
जिन दिनों हम नहीं रहते घर पर
बाबूजी और माँ नहीं खा पाते
पसंद बहुत है उन्हें
पर साँस की तकलीफ
देती नहीं इज़ाज़त
फिर दही क्यों जमाती हो माँ ?
मैंने पूछा था
जब नहीं रहते हम यहाँ
और नहीं खा पाता कोई
तब माँ ने बताया
कि मोहल्ले में कई घर हैं
जहाँ रहते हैं बूढ़े माँ-बाप
उन बच्चों के
जो आते हैं
कभी-कभी घर अपने
तब उनके लिए
कोई न कोई माँ
जमाती है दही
और अक्सर ऐसी कोई माँ
घर हमारे
दही जमाने के लिए
जामन लेने आती है
इसलिए माँ दही जमाती है
उन दिनों में भी
जिन दिनों हम नहीं रहते
घर पर …
कि मोहल्ले में कई घर हैं
जहाँ रहते हैं बूढ़े माँ-बाप
उन बच्चों के
जो आते हैं
कभी-कभी घर अपने
तब उनके लिए
कोई न कोई माँ
जमाती है दही
और अक्सर ऐसी कोई माँ
घर हमारे
दही जमाने के लिए
जामन लेने आती है
इसलिए माँ दही जमाती है
उन दिनों में भी
जिन दिनों हम नहीं रहते
घर पर …
- अशोक जमनानी