नर्मदा यात्रा : 8 : मड़ियारास




चंदन घाट से आगे बढ़ते हैं तो एक बहुत सुंदर स्थान रुकने के लिए विवश कर देता है। मड़ियारस का सौंदर्य किसी कविता की तरह बांधता है वैसे नर्मदा का जन्म हुआ तो भगवान शंकर ने यह भी वरदान दिया कि कल्पांत में जब प्रलय होगा तब भी नर्मदा नष्ट नहीं होगी इसलिए नर्मदा न मृता है अमृता है और कविता को भी तो अमृता ही कहते हैं ....... अशोक जमनानी
चंदन घाट से आगे बढ़ते हैं तो एक बहुत सुंदर स्थान रुकने के लिए विवश कर देता है। मड़ियारस का सौंदर्य किसी कविता की तरह बांधता है वैसे नर्मदा का जन्म हुआ तो भगवान शंकर ने यह भी वरदान दिया कि कल्पांत में जब प्रलय होगा तब भी नर्मदा नष्ट नहीं होगी इसलिए नर्मदा न मृता है अमृता है और कविता को भी तो अमृता ही कहते हैं ....... अशोक जमनानी