भजन
डिण्डोरी के पास एक छोटा सा गाँव है -जोगी टिकरिया। नर्मदा तट पर स्थित इस गाँव के घाट को बेहद साफ़ सुथरा देखकर थोड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि अपने देश में किसी सार्वजानिक स्थान को इतना साफ़ देखना किसी चमत्कार से कम नहीं लगता। फिर मुलाकात हुई घाट की सफ़ाई कर रहे एक बुज़ुर्ग से। मैंने पूछा कि घाट इतना साफ़ कैसे है ? तो उनके साथी ने बताया कि ये कोमलदास बाबा हैं। वन विभाग में अच्छे पद पर थे। बड़ी बेटी IIITM हैदराबाद में पढ़ाती है , दूसरी बेटी बैंक मैनेजर है और बेटे ने MBA पूरा कर लिया तो कोमलदास जी ने नौकरी से इस्तीफ़ा दिया और यहाँ आ गए और दिन में लगभग 12 घंटे घाट की सफ़ाई करते हैं। मैने बाबा जी से पूछा कि जब आराम का समय आया तो सब कुछ क्यों छोड़ आये ? तो उन्होंने कहा कि भजन भी तो करना था। मैंने कहा आप 12 घंटे तो घाट की सफ़ाई करते हैं भजन कब करेंगे ?
उन्होंने मुस्कराकर कहा यही तो भजन है। देश के तथाकथित सफाई अभियान से बहुत पहले से कोमलदास जी नर्मदा तट को साफ़ करना भजन मान चुके हैं उनके लिए यही धर्म है यही पूजा है पर ऐसे लोगों की तस्वीर किसी अख़बार या ख़बरिया चैनल पर नहीं मिलेगी क्योंकि वे सेलिब्रिटी नहीं हैं न !!
- अशोक जमनानी