नर्मदा यात्रा : 17 : सारसडोली- कोसमघाट- कनेरी
कन्हैया संगम की आभा और प्रवाह तो अद्भुत है पर मार्ग पहाड़ी है जो आगे भी पहाड़ों से होकर ही सारसडोली पहुँचता है। सारसडोली बड़ा गांव है लेकिन नर्मदा तट वहां से काफी दूर है। पास ही कोसमघाट है और नर्मदा के उस पार है छोटा-सा गाँव कनेरी। सफ़र में कई गाँव ऐसे मिले जहाँ जगह का नाम पूछा तो जवाब मिला- कछारा टोला। मैं हैरान था कि एक ही नाम के कितने गाँव हैं ! बाद में पता चला कि गाँवों के नाम तो अलग-अलग हैं लेकिन जो टोले ( कुछ घरों के समूह ) नर्मदा के कछार में स्थित हैं वे सब कछारा टोला हैं। नाम एक है लेकिन सौंदर्य जगत सबका अपना-अपना है। नर्मदा के कछार बहुत उपजाऊ हैं … यहां सौंदर्य उपजता है ……
- अशोक जमनानी
कन्हैया संगम की आभा और प्रवाह तो अद्भुत है पर मार्ग पहाड़ी है जो आगे भी पहाड़ों से होकर ही सारसडोली पहुँचता है। सारसडोली बड़ा गांव है लेकिन नर्मदा तट वहां से काफी दूर है। पास ही कोसमघाट है और नर्मदा के उस पार है छोटा-सा गाँव कनेरी। सफ़र में कई गाँव ऐसे मिले जहाँ जगह का नाम पूछा तो जवाब मिला- कछारा टोला। मैं हैरान था कि एक ही नाम के कितने गाँव हैं ! बाद में पता चला कि गाँवों के नाम तो अलग-अलग हैं लेकिन जो टोले ( कुछ घरों के समूह ) नर्मदा के कछार में स्थित हैं वे सब कछारा टोला हैं। नाम एक है लेकिन सौंदर्य जगत सबका अपना-अपना है। नर्मदा के कछार बहुत उपजाऊ हैं … यहां सौंदर्य उपजता है ……
- अशोक जमनानी